मैसूर के एंट्री व एग्जिट पॉइंट्स को मजबूत करने के लिए लगेंगे हाई-टेक कैमरे: कर्नाटक के मैसूर में शहर की पुलिस उपद्रवी तत्वों की गतिविधियों की नियमित करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर समीक्षा कर रही है। अब पुलिस 25 जगहों पर उन्नत स्वचालित नंबर-प्लेट पहचान (ANPR ) कैमरे स्थापित करके मैसूर शहर में एंट्री व एग्जिट पॉइंट्स (प्रवेश और निकास बिंदुओं) को मजबूत कर रही है।
पॉलिक्से को इन कैमरों की मदद से संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही पर नज़र रखने में मदद मिलेगी, क्योंकि इससे उनके लिए वाहन नंबर-प्लेट पहचान पल भर में उपलब्ध होगी। साथ ही यह स्कीम वहां संख्या पंजीकृत है या नहीं इसके लिए प्रौद्योगिकी वाहन मालिकों के पुलिस विवरण प्रदान करेगी या जांच अधिकारियों को यह जांचने में मदद करेगी।
पुलिस commissioner रमेश बनोठ ने कहा कि ANPR एक उन्नत तकनीक है जो कि अपराध की जांच और यातायात संबंधी निगरानी दोनों के लिए पुलिसिंग कार्यों में सहायक है
ANPR जैसी उन्नत तकनीक के लिए जिन हाई-टेक कैमरों का प्रयोग किया जा रहा है उनकी कीमत लगभग 1.8 लाख रुपये है।
चौराहों पर zebra Crossing को चिन्हित करेगी पुलिस:
शहर के कई जंक्शनों पर ज़ेबरा-क्रॉसिंग या तो गायब हो चुके हैं या फिर उनका रंग फीका हो चूका है, इसलिए अब शहर की पुलिस द्वारा उन्हें फिर से चिह्नित किया जाएगा। एक पैदल यात्री का यह कहना था कि जेब्रा क्रॉसिंग के अभाव में पैदल चलने वालों के लिए यातायात वाहनों से व्यस्त सड़कों को बार करना मुश्किल हो गया है।
सहायक पुलिस commissioner (Traffic) परशुरामप्पा ने कहा कि शहर की यातायात पुलिस सीमा में 194 सड़क चौराहे हैं, और इनमें डामर का कार्य होने के कारण कई जगहों पर निशान हैं या फिर ज़ेबरा क्रॉसिंग गायब हैं।
Police commissioner परशुरामप्पा ने कहा-
“हमने स्थानों की पहचान कर ली है और दो सप्ताह के भीतर जेब्रा क्रॉसिंग को फिर से रंग देंगे। शुरुआत में, पुलिस मैसूरु के मध्य में और बाद में अन्य स्थानों पर सड़कों पर निशान लगाना शुरू करेगी।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाल ही में सिटी सेंटर में विनोबा रोड और जेएलबी रोड जंक्शन के चारों तरफ ज़ेबरा क्रॉसिंग को चिह्नित किया गया था, किन्तु डामर के काम के दौरान इसे कवर किया गया था।
साथ ही परशुरामप्पा जी ने कहा “हमने इस जंक्शन को भी शामिल किया है। परियोजना के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।”
कवर किए गए ज़ेबरा क्रॉसिंग के बारे में महापौर शिवकुमार का क्या कहना था-
“मैसूर नगर निगम ने सड़क के डामर के काम में ट्रैफिक रोड मार्किंग को शामिल नहीं किया। पुलिस विभाग को इसका ध्यान रखना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि “अगर पुलिसकर्मी हमारी मदद चाहते हैं तो हम निश्चित रूप से इस संबंध में उनकी मदद करेंगे।”